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ग़ज़ल पा कर भी तुझे पाने की ललक दिल में रह गई बाक़ी। मोहब्बत में कहीं आज़माइश की गुंजाइश रह गई बाक़ी ।। तकते तकते राहों को आहट की भनक रह ...