लेखनी प्रतियोगिता -14-Jun-2024" ग़ज़ल "

1 Part

22 times read

2 Liked

ग़ज़ल पा कर भी तुझे पाने की ललक दिल में रह गई बाक़ी।  मोहब्बत में कहीं आज़माइश की गुंजाइश रह गई बाक़ी ।। तकते तकते राहों को आहट की भनक रह ...

×